घर 4 दीवारी से नहीं 4 जनों से बनता हैपरिवार उनके प्रेम और तालमेल से बनता है सभी कार्यों को जोड़ कर साधना, सफल गृहणी का काम है नौकरीवाली से पैसा बनेगा/घर नहीं प्रभाव और दुर्भाव में, आधुनिक/पारिवारिक तालमेल से उत्तम घर परिवार से देश आगे बड़े रसोई, बच्चों-परिवार की देख भाल, गृह सज्जा के बीच अपने लिए भी ध्यान देती शिक्षित नारी-(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/ निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैटकरें, संपर्कसूत्र- तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Monday, August 1, 2022

❤️🙏 मेरी #पुष्पांजलि 🙏❤️

❤️🙏 मेरी #पुष्पांजलि 🙏❤️ 

*विनीत नमन* #माता सुशीला देवी रेलन 90 वीं वर्षगांठ की स्मृति में - 4 अग 2022
मैं जो भी लिखता हूं, समाज में करता हूं, #मां तेरे #संस्कारों का प्रताप ही तो है। 
तेरा पोता मोहित भी अच्छे पद पर आसीन होकर, #पर्यावरण संरक्षण का 'गैससं' आरम्भ किया है। वो नदी #स्वच्छता और #वृक्षारोपण से भौतिक शुद्धी अभियान चला रहा है। जबकि मैं दो दशक से #वैचारिक शुद्धता का अभियान चला रहा हूं। 

#माँ, मेरी माँ, (एक #आदर्श जीवन) 
#माता #सुशीला देवी #रेलन की स्मृति में - जीवन यात्रा 90 वर्ष पूर्व, 4 अगस्त 1932 से आरंभ होकर 27 वर्ष पूर्व, 17 मई 1995 तक भारी #संघर्षशील चली। 

वैसे तो माँ चाहे किसी की भी हो, बस माँ ही होती है। माँ, जो गर्भ से मृत्यु तक, हर पल अपने #बच्चों के हर दुःख सुख की साथी! जिसकी गोद, हर पीड़ा का हरण करती है। अपने बच्चों की वो भगवान होती है। क्योंकि जब किसी भी कष्ट में होने पर, भगवान के बाद एक वही होती है, जिस पर हम सबसे अधिक आस लगा सकते व रखते हैं। 
माँ, तो बस माँ होती है, बच्चों में उसकी जाँ होती है। मेरी माँ तो वास्तव में सबसे निराली थी। उतनी ही #निराली थी, उसकी #जीवन गाथा। 
आपके जीवन की यात्रा जो 90 वर्ष पूर्व, 4 अगस्त 1932 से आरंभ होकर 27 वर्ष पूर्व, 17 मई 1995 तक चली। कठोर कष्ट झेलती रही, किन्तु #सहनशील जीवन के अंत तक #अनुकरणीय #अविस्मरणीय। 

बचपन ही नहीं आज भी, वृद्धावस्था में भी जीवन प्रयन्त, हर पल जब भी तुझे मैं स्मरण करता हूँ, भाव विहल हो जाता हूँ। माँ, तूं स्मरण बहुत आती है, .... 

तत्कालीन जीवित 5 भाई बहनों में सबसे बड़ी, एवं प्रभाकर शिक्षित अति विनम्र मृदु भाषी होने व सबसे स्नेह रखने वाली, होने के कारण  अपने पास पड़ौस में सबके सम्मान की पात्र रही। 
साथ ही हमारे नानके, एवं दादके परिवार, विभाजन के उस काले साये की #विभीषिका से निकल, संभल चुके थे, किन्तु हमारे माता पिता दोनों के ही परिवारों ने किसी भी उपदान पर आश्रित नहीं होने व कठोर जीवन जीने का मार्ग चुना था। 
यही कारण था कि अपने माता पिता को हमने, सदा  *कठोर जीवन* का अनुपम उदहारण प्रस्तुत करते पाया। संभवत: यही संस्कार की सशक्त कड़ी बन कर उभरती है। 
ये तेरे #पुनीत संस्कार ही तो हैं, मेरा भाई अपनी भाभी का लक्ष्मण है। और हम सब बहु को बेटी और दामाद को पुत्रवत स्नेह करते हैं। -तिलक  

17, मई 2015 आज 20 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन 

  

20 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन

स्व. सुशीला देवी रेलन जी, की 20 वीं पुण्य तिथि ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी रविवार 17 मई 2015. 20 वर्ष पूर्व आपने नश्वर शरीर त्याग दिया, किन्तु हमारे ह्रदय मंदिर में आप सदा ही #विराजमान रही हैं। गत् 23 नवं 2021, पिता श्री भी तेरे धाम को प्रस्थान कर गए। हम सब आप दोनों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।  

माँ, जो गर्भ से मृत्यु तक, हर पल अपने बच्चों के हर दुःख सुख की साथी, जिसकी गोद हर पीड़ा का हरण करती है। माँ तो बस माँ होती है, बच्चों में उसकी जाँ होती है। 

#बचपन ही नहीं #वृद्धावस्था व् जीवन के अंत तक हर पल जब भी तुझे स्मरण करता हूँ भाव विहल हो जाता हूँ। माँ, तेरी याद बहुत आती है, .... 
अब मेरे दामाद सिद्धार्थ, दो नाती आद्विक व एक नन्हा कीष् भी हो गए; पर माँ, तूं स्मरण बहुत आती है।।  

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तिलक- संपादक युगदर्पण मीडिया समूह, 9971065525, 9540007991, 9910774607. 
व्याप्त #नकारात्मक मीडिया के #सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प 
-युगदर्पण ®2001 मीडिया समूह #YDMS👑 -तिलक संपादक 

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Friday, June 24, 2022

जीवनशैली, घर परिवार, समाज दर्पण telegram grp

Created new grp in teleg जीवनशैली, घर परिवार, समाज आदि विषयों से जुड़ी अति महत्वपूर्ण जानकारियों का संग्रह YDMS👑 के माध्यम स्वास्थ्य, घरेलू एवं सामाजिक वातावरण निर्माण हेतु आप सादर आमंत्रित हैं

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-तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार, 
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Saturday, July 24, 2021

#Tokyo 2020: ओलंपिक पदक

  *ओलम्पिक2020 में प्रथम रजत#Yokyo2020* 

👉🌟🎯PL-158, क्रीड़ा 🏏व सृजन मंच कला-दर्पण👈 
DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण 
*युदस नदि 24 जुलाई:* #Yokyo2020, India got its first Silver medal in Tokyo 2020. Cheers Meera Bai Chanu. Thanks. And continue. 
आज 👉🚩🙏मीरा बाई चानू, टोक्यो ओलम्पिक2020 में प्रथम रजत से आपने देश को सम्मानित किया। आपको बहुत बहुत बधाई और धन्यवाद। आप और अधिक सफलता प्राप्त कर, ख्याति अर्जित करें।🙏👈 -तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार -युगदर्पण ®2001 मीडिया समूह YDMS👑 

https://youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf0RjfmZfxPnviZL1zyCDsuO  

#Tokyo 2020: मीराबाई चानू 21 वर्ष के अंतराल में दूसरी महिला, भारोत्तोलन में दूसरी बार ओलंपिक पदक 

meerabai chanu
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मीराबाई चानू ने ओलंपिक खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक की भारत को 21 वर्ष की प्रतीक्षा का अंत किया और 49 किग्रा स्पर्धा में रजत पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक में देश का खाता भी खोला। 

meerabai chanu
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चानू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रा से कुल 202 किग्रा भार उठाकर रजत पदक अर्जित किया। इससे पूर्व सिडनी ओलंपिक 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी ने देश को भारोत्तोलन में कांस्य पदक दिलाया था। 

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*ओलम्पिक2020 में प्रथम रजत#Yokyo2020*

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Monday, January 20, 2020

YDMS👑प्रस्तुति... DD-Live YDMS दूरदर्पण, CD-Live YDMS चुनावदर्पण देश को समर्पित, दो यू-टयूब राष्ट्रीय चैनल.

👑आज अपने जन्म दिवस के अवसर पर, देश को समर्पित हैं, दो यू-टयूब राष्ट्रीय चैनल 
सकारात्मक सार्थक श्रेष्ठ चयनित समाचार का प्रतीक YDMS👑प्रस्तुति
DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची  https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं
देश की राजनीति पर युगदर्पण मीडिया समूह का नया यू-टयूब चैनल CD-Live YDMS चुनावदर्पण
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कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक

यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
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Tuesday, October 18, 2016

तीन तलाक प्रथा से महिला अस्मिता को क्षति: नायडू

तीन तलाक प्रथा से महिला अस्मिता को क्षति: नायडू 
तीन तलाक प्रथा से महिलाओं को नुकसान: नायडूकोच्चि। देशभर में ‘तीन तलाक’ के मुद्दे पर चल रही चर्चा के बीच केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने आज कहा कि यह प्रथा बंद होनी चाहिए क्योंकि यह महिला अस्मिता को क्षति पहुंचा रही है। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि विधि आयोग और उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक की प्रथा पर जनता से राय मांगी है और चर्चा कराने की बात कही है। नायडू ने कहा, ‘‘चर्चा के बाद भारत सरकार ने यह मत दिया है कि तीन तलाक महिलाओं के हित में नहीं है। इसे समाप्त होना चाहिए।’’ 
नायडू का यह वक्तव्य इस दृष्टी से महत्वपूर्ण है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों समेत कई मुस्लिम संगठन और नेता इस बात पर बल दे रहे हैं कि ‘‘शरिया कानून बदला नहीं जा सकता।’’ केंद्र सरकार को तीन तलाक के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की सलाह देते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जफरयाब जिलानी ने दावा किया था कि 90 % मुस्लिम महिलाएं शरिया कानून का समर्थन करती हैं। गत सात अक्तूबर को केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में मुस्लिमों में जारी तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह प्रथाओं का विरोध किया था और लैंगिक समानता एवं धर्मनिरपेक्षता के आधार पर इन पर पुनर्विचार करने की वकालत की थी। 
कानून एवं न्याय मंत्रालय ने अपने शपथपत्र में लैंगिक समानता, धर्मनिरपेक्षता, अंतरराष्ट्रीय नियमों, धार्मिक प्रथाओं और विभिन्न इस्लामी देशों में मार्शल लॉ का उल्लेख करते हुए कहा कि शीर्ष न्यायालय को तीन तलाक और बहुविवाह के मुद्दे पर नए सिरे से निर्णय देना चाहिए। 
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Sunday, May 17, 2015

20 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन

17, मई 2015 आज 20 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन 


स्व. सुशीला देवी रेलन जी, की 20 वीं पुण्य तिथि ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी रविवार 17 मई 2015. 20 वर्ष पूर्व आपने नश्वर शरीर त्याग दिया, किन्तु हमारे ह्रदय मंदिर में आप सदा ही विराजमान रही हैं। हम सब आपको श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।  
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का
सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण
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Wednesday, February 18, 2015

नारी शक्ति का फिर सम्मान,

रातों रात विश्व भर में प्रसिद्ध, विंग कमांडर पूजा ठाकुर- भारतीय रक्षा सेवाओं में नारी शक्ति का फिर सम्मान, मोदी जी और भाजपा के  एक विशिष्टता प्राप्त करने के लिए नमन -यह दूसरों को प्रेरित करेगा। Please Share it to Inspire Others. इसे अधिकतम शेयर कर, दूसरों को भी प्रेरित करें - https://www.youtube.com/user/DoorDarpan/playlists
https://www.youtube.com/watch?v=qmc663e8duE&list=PLCC58B93A13AC190F&index=8
महिला घर परिवार दर्पण -
घर 4 दीवारी से नहीं, 4 जनों से बनता है,
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Saturday, February 14, 2015

"वेलेन्टाइन डे"

"वेलेन्टाइन डे
"Live in Relationship"
ये शब्द आज कल हमारे देश में भी नव-अभिजात्य वर्ग में चल रहा है, इसका अर्थ होता है कि "बिना विवाह के पती-पत्नी की तरह से रहना" 
प्लेटो (एक यूरोपीय दार्शनिक) देकातेर्, और रूसो इन सभी महान(!) दार्शनिकों का तो कहना है कि "स्त्री में तो आत्मा ही नहीं होती", "स्त्री तो मेज और कुर्सी के समान हैं, जब पुराने से मन भर गया तो पुराना हटा के नया ले आये" 
वैलेंटाइन 1500 वर्ष जन्मे, वे -कहते थे, जानवरों की भांति, ये अच्छा नहीं है, इससे सेक्स-जनित रोग (veneral disease) होते हैं, उनके विवाह वो चर्च में कराते थे उस समय रोम का राजा था, क्लौड़ीयस, उसने वैलेंटाइन को फाँसी की सजा दे दी, आरोप क्या था, कि वो बच्चों की शादियाँ कराते थे, अर्थात विवाह करना अपराध था 

जिनका विवाह वैलेंटाइन ने करवाया था, उन सभी के सामने वैलेंटाइन को 14 फ़रवरी 498 ईःवी को फाँसी दे दी गई वे सब उस वैलेंटाइन की दुखद स्मृति में 14 फ़रवरी को वैलेंटाइन डे मनाने लगे, तो उस दिन से यूरोप में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है हमारे यहाँ के लड़के-लड़िकयां बिना सोचे-समझे, एक दुसरे को वैलेंटाइन डे का कार्ड दे रहे हैं वो इसी कार्ड को अपने मम्मी-पापा को भी दे देते हैं, दादा-दादी को भी दे देते हैं और एक दो नहीं दस-बीस लोगों को ये ही कार्ड वो दे देते हैं इस धंधे में बड़ी-बड़ी कंपिनयाँ लग गयी हैं, जिनको कार्ड बेचना है, जिनको उपहार बेचना है, जिनको *चाकलेट बेचनी हैं और विज्ञापन हेतु टेलीविजन चैनल वालों ने इसका धुआधार प्रचार कर दिया 
पाश्चात्य अंधानुकरण में वैलेंटाइन डे के नाम से वही सब करने लगे, जिसका उसने विरोध किया और फांसी का दंड झेलना पड़ा। वाह रे! वैलेंटाइन के अंध भक्तो, पढ़े लिखे कहाते हो, और चौपाये (पशु) बन जाते हो ! भारतीयता का उपहास उड़ाते, हमें अपने पूर्वजों को दकियानूसी बताते हो? जिसे मना रहे हो, उसका इतिहास, कारण तथा परिणाम तो जान लो। 
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Wednesday, December 31, 2014

"अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं;

"अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं; 
নববর্ষ, નવા વર્ષની, New Year, ಹೊಸ ವರ್ಷದ, പുതുവർഷം, नवीन वर्ष, 
புத்தாண்டு, న్యూ ఇయర్, ਨਵਾਂ ਸਾਲ, نئے سال
(गुलामी के संकेत/हस्ताक्षर, जो मनाना चाहें)
उमंग उत्साह, चाहे जितना दिखाएँ; 
चैत्र के नव रात्रे, जब जब भी आयें
घर घर सजाएँ, उमंग के दीपक जलाएं; 
आनंद से, ब्रह्माण्ड तक को महकाएं; 
विश्व में, भारत का गौरव बढाएं " 
भारत भ्रष्टाचार व आतंकवाद से मुक्त हो, 
हम अपने आदर्श व संस्कृति को पुनर्प्रतिष्ठित कर सकें ! 
इन्ही शुभकामनाओं के साथ, 
जनवरी 2015, ही क्यों ? वर्ष के 365 दिन ही मंगलमय हों, 
भवदीय... तिलक 
संपादक युगदर्पण राष्ट्रीय साप्ताहिक हिंदी समाचार-पत्र. YDMS 07531949051.

Bangla... 

 অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং 

 "অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং; (দাসত্ব সংকেত / সাইন, যা তুষ্ট হতে পারে) উমংগ উত্সাহ, চাহে জিতনা দিখাএঁ; চৈত্র কে নব রাত্রে, জব জব ভী আযেং; ঘর ঘর সজাএঁ, উমংগ কে দীপক জলাএং; আনংদ সে, ব্রহ্মাণ্ড তক কো মহকাএং; বিশ্ব মেং, ভারত কা গৌরব বঢাএং "জানুয়ারি 1, 2015,হী কেন ? বর্ষ কে 365 দিন হী মংগলময হোং, ভারত ভ্রষ্টাচার ব আতংকবাদ সে মুক্ত হো, হম অপনে আদর্শ ব সংস্কৃতি কো পুনর্প্রতিষ্ঠিত কর সকেং ! ইন্হী শুভকামনাওং কে সাথ, ভবদীয.. তিলক সংপাদক যুগদর্পণ রাষ্ট্রীয সাপ্তাহিক হিংদী সমাচার-পত্র. YDMS 09911111611. 
Tamil... "அங்க்றேழி கா நவ்வர்ஷ், பாளே ஹாய் மணாஎன்"
 "அங்க்றேழி கா நவ்வர்ஷ், பாளே ஹாய் மணாஎன்; (மயக்க இது அடிமைத்தன சமிக்ஞை / அடையாளம்,) உமங்க் உட்சாஹ், சாஹெ சித்னா டிக்ஹாஎன்; செட்ர் கே நவ்ராற்றே, ஜப் ஜப் பீ ஆயேன்; கர் கர் சஜாயேன், உமாங் கே தீபக் ஜலாயேன்; ஆனந்த சே, பிராமாந்து தக் கோ மஹ்காயென்; விஷ்வ மீ, பாரத் கா கௌரவ் படாஎன். "ஜனவரி 1, 2015, ஏன்ஒரே ஒரு? வ வர்ஷ் கே 365 டின் ஹாய் மங்கலமாய் ஹோண், பாரத் பிராஷ்டாச்சர் வ ஆடன்க்வாத் சே முகத் ஹோ, ஹம அப்னே ஆதர்ஷ் வ சன்ச்க்ருடி கோ புன்ர்ப்ரடிஷ்திட் கற் சகேன் ! இன்ஹி சுபா காமனாஒன் கே சாத், பாவ்டிய.. திலக் சம்பாடக் யுக டர்பன் ராஷ்ட்ரிய சப்டாஹிக் ஹிந்தி சமாச்சார்-பற்ற. YDMS 09911111611.
 Eng.  "One may celebrate even English New Year, (Slavery signal / sign, you may coax) with exaltation and excitement; Chaitra Nav Ratre whenever it comes; decorate house, enlighten with lamps of exaltation; enjoy, even enrich the universe with Happiness; Increase the India's pride in the world, Why January 1, 2013, alone ? All the 365 days of the year are Auspicious, May India be free of corruption and terrorism, we can ReEstablish Ideals, values and culture ! with these good wishes, Sincerely .. Tilak editor YugDarpan Hindi national weekly newspaper. YDMS 09,911,111,611.
 Odiya ..not getting ? 
 "Angrejee kaa nav-varsh, bhale hi manaayen; (Gulaami ke sanket /  , jo  manana  chahen ? umang utsaah, chaahe jitnaa dikhaayen; chetr ke nav-raatre, jab jab bhi aayen; ghar ghar sajaayen, umang ke deepak jalaayen; Aanand se, brahmaand tak ko mahkaayen; Vishva me, Bhaarat kaa gaurav badaayen." matr 1 Jan 2015, hi kyon ? varsh ke 365 din hi mangalmay hon, Bhaarat bhrashtaachar v aatankvaad se mukt ho, ham apne aadarsh v sanskruti ko punrpratishthit kar saken ! inhi shubhakaamanaaon ke saath, bhavdiya.. Tilak Sampaadak Yug Darpan Raashtriya Saptaahik Hindi Samaachar-Patra. YDMS 09911111611.
 Telugu "అంగ్రేజీ కా నవ్వర్ష్, భలే హాయ్ మనాఎన్; 
"అంగ్రేజీ కా నవ్వర్ష్, భలే హాయ్ మనాఎన్; (పొగడ్తలు ఇది బానిసత్వం సిగ్నల్ / గుర్తు) ఉమంగ్ ఉత్సః, చాహే జితనా దిఖాఎన్; చేతర్ కె నవరాత్రు, జబ జబ భి ఆయెన్; ఘర్ ఘర్ సజాఎన్, ఉమంగ్ కె దీపక్ జలాఎన్; ఆనంద్ సే, బ్రహ్మాండ్ తక కో మహ్కాఎన్; విశ్వ మే, భారత్ కా గౌరవ్ బదాఎన్. " జనవరి 1, 2015, ఎందుకు మాత్రమే  వ వర్ష కె 365 దిన్ హాయ్ మంగల్మి హాన్, భారత్ భ్రష్టాచార్ వ ఆటన్క్వాద్ సే ముక్త  హో, హం అపనే ఆదర్శ్ వ సంస్కృతి కో పున్ర్ప్రతిశ్తిట్ కర్ సకేన్ ! ఇంహి శుభాకామనావున్ కె సాత్, భవదీయ.. తిలక్ సంపాదక్ యుగ దర్పన్ రాష్ట్రీయ సప్తాహిక్ హిందీ సమాచార్-పాత్ర. YDMS 09911111611.
 Gujrati અંગ્રેઝી કા નવવર્ષ, ભલે હી માંનાયેન; 
"અંગ્રેઝી કા નવવર્ષ, ભલે હી માંનાયેન; (સ્લેવરી સિગ્નલ / સાઇન છે, કે જે મનાવવું શકે છે) ઉમંગ ઉત્સાહ, ચાહે જીતના દીખાયેન; ચેત્ર કે નવરાત્રે, જબ જબ ભી આયેન; ઘર ઘર સજાયેન, ઉમંગ કે દિપક જલાયેન; આનંદ સે, બ્રહ્માંડ તક કો મહ્કાયેન; વિશ્વ મેં, ભારત કા ગૌરવ  બદાયેન. "માત્ર જાન્યુઆરી 1, 2015, શા માટે? વર્ષ કે 365 દિન હી મંગલમય હોં, ભારત ભ્રષ્ટાચાર વ આતંકવાદ સે મુક્ત હો, હમ અપને આદર્શ વ સંસ્કૃતિ કો પુન્ર્પ્રતીશ્થીત કર સકેં ! ઇન્હી શુભકામનાઓન કે સાથ, ભવદીય.. તિલક સંપાદક યુગ દર્પણ રાષ્ટ્રીય સાપ્તાહિક હિન્દી સમાચાર -પત્ર.YDMS 09911111611.
 kannad "ಆಂಗ್ರೆಶಿ ಕಾ ನವ -ವರ್ಷ, ಭಲೇ ಹಿ ಮನಾಯೇನ್; 
"ಆಂಗ್ರೆಶಿ ಕಾ ನವ -ವರ್ಷ, ಭಲೇ ಹಿ ಮನಾಯೇನ್; (ಏಕಾಕ್ಷ ಇದು ಗುಲಾಮಗಿರಿ ಸಂಕೇತ / ಸೈನ್) ಉಮಂಗ್ ಉತ್ಸಃ, ಚಾಹೆ ಜಿತನಾ ದಿಖಾಯೇನ್; ಚೆತ್ರ್ ಕೆ ನವ್ರಾತ್ರೆ, ಜಬ್ ಜಬ್ ಭಿ ಆಯೇನ್; ಘರ್ ಘರ್ ಸಜಾಯೇನ್, ಉಮಂಗ್ ಕೆ ದೀಪಕ್ ಜಲಾಯೇನ್; ಆನಂದ್ ಸೆ, ಬ್ರಹ್ಮಾಂದ್ ತಕ ಕೊ ಮಹ್ಕಾಯೇನ್; ವಿಶ್ವ ಮೇ, ಭಾರತ ಕಾ ಗೌರವ್ ಬದಾಯೇನ್. "ಜನವರಿ 1, 2015, ಏಕೆ ಮಾತ್ರ ವ ವರ್ಷ ಕೆ 365 ದೀನ್ ಹಿ ಮಂಗಲ್ಮಿ ಹೊಂ, ಭಾರತ ಭ್ರಷ್ತಾಚರ್ ವ ಆತಂಕ್ವಾದ್ ಸೆ ಮುಕ್ತ ಹೊ, ಹಮ್ ಅಪನೇ ಆದರ್ಶ್ ವ ಸಂಸ್ಕೃತಿ ಕೊ ಪುನ್ರ್ಪ್ರತಿಷ್ಟ್ಹತ್  ಕರ್  ಸಕೆನ್ ! ಇನ್ಹಿ ಶುಭಕಾಮನಾಒನ್ ಕೆ ಸಾಥ್, ಭಾವ್ದಿಯ.. ತಿಲಕ್ ಸಂಪಾಡಕ್ ಯುಗ ದರ್ಪಣ್ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸಪ್ತಾಹಿಕ್ ಹಿಂದಿ ಸಮಾಚಾರ್ -ಪತ್ರ . YDMS 09911111611.
 Gumu. "ਅੰਗ੍ਰੇਜੀ ਦਾ ਨਵਾਂ ਵਰਸ਼ ਭਲੇ ਹੀ ਮਨਾਓ
"ਅੰਗ੍ਰੇਜੀ ਦਾ ਨਵਾਂ ਵਰਸ਼ ਭਲੇ ਹੀ ਮਨਾਓ, ਗੁਲਾਮੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ /ਸੰਕੇਤ, ਉਮੰਗ ਉਤਸਾਹ ਚਾਹੇ ਜਿਤਨਾ ਦਿਖਾਓ; ਚੇਤਰ ਦੇ ਨਵਰਾਤਰੇ ਜਦ ਜਦ ਵੀ ਆਉਣ; ਘਰ ਘਰ ਸਜਾਓ, ਉਮੰਗ ਦੇ ਦੀਪਕ ਜਲਾਓ; ਆਨਾਨਾਦ ਨਾ ਬ੍ਰਹ੍ਮਾੰਡ ਨੂ ਮਹ੍ਕਾਓ, ਵਿਸ਼ਵ ਵਿਚ, ਭਾਰਤ ਦਾ ਗ਼ੋਰਾਵ ਵਧਾਓ. "1 ਜਨ. 2015 ਹ ਕਯੋਂ ? ਵ ਵਰ੍ਸ਼ ਦੇ 365 ਦਿਨ ਹੀ ਮੰਗਲ ਮਯ ਹੋਣ, ਭ੍ਰਸ਼੍ਟਾਚਾਰ ਤੇ ਆਤੰਕ ਵਾਦ ਤੋਂ ਭਾਰਤ ਮੁਕਤ ਹੋਵੇ, ਅਸਾਂ ਆਪਣੇ ਆਦਰ੍ਸ਼ ਤੇ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤਿ ਨੂੰ ਫੇਰ ਸ੍ਥਾਪਿਤ ਕਰ ਸਕਿਏ ! ਇਨਹਾਂ ਸ਼ੁਭ ਕਾਮਨਾਵਾਂ ਦੇ ਨਾਲ, ਆਪਦਾ.. ਤਿਲਕ -ਸੰਪਾਦਕ ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, ਰਾਸ਼੍ਟ੍ਰੀਯ ਸਾਪ੍ਤਾਹਿਕ ਸਮਾਚਾਰ ਪਤ੍ਰ. YDMS 09911111611.
 malm "അന്ഗ്രെജീ  കാ  നവ വര്‍ഷ, ഭലേ ഹി മനായേന്‍; 
"അന്ഗ്രെജീ  കാ  നവ വര്‍ഷ, ഭലേ ഹി മനായേന്‍; (ഗുലാമി ക പ്രറ്റീക്/സന്കെറ്റ്, ജോ മനന ചാഹെ) ഉമന്ഗ് ഉറ്റ്സാഹ്, ചാഹെ ജിതനാ ദിഖയെന്‍; ചേട്ര്‍ കെ നവ്രട്രെ, ജബ് ജബ് ഭീ ആയെന്‍; ഘര്‍ ഘര്‍ സജായെന്‍, ഉമന്ഗ് കെ ദീപക് ജലായെന്‍; ആനന്ദ് സെ, ബ്രഹ്മാന്ദ് ടാക് കോ മഹാകായെന്‍; വിശ്വ് മി, ഭാരത കാ ഗൌരവ് ബടായെന്‍. "ഐ ജന. 2015 ഹി ക്യോന്‍? വ വര്‍ഷ കെ 365 ദിന്‍ ഹി മങ്ങല്‍മി ഹോണ്‍, ഭാരത ഭ്രാഷ്ടാചാര്‍ വ ആടങ്ക്വാദ് സെ മുക്റ്റ് ഹോ, ഹാം അപ്നെ ആദര്‍ശ് വ സന്സ്ക്രുടി കോ പുന്ര്പ്രടിശ്തിറ്റ് കാര്‍ സകെന്‍ ! ഇന്ഹി ശുഭ കാമ്നാഒന്‌ കെ സാത്, ഭവദീയ.. തിളക് സംപാടാക് യുഗ്ദാര്പന്‍ രാഷ്ട്രീയ ഹിന്ദി സമാചാര്‍ പടര്‍. YDMS 09911111611. 

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पंजी सं RNI DelHin11786/2001(सोशल मीडिया में विशेष प्रस्तुति 
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যুগদর্পণ, યુગદર્પણ  ਯੁਗਦਰ੍ਪਣ, யுகதர்பண  യുഗദര്പണ  యుగదర్పణ  ಯುಗದರ್ಪಣ,

यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
घर 4 दीवारी से नहीं 4 जनों से बनता है, परिवार उनके प्रेम
और तालमेल से बनता है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक

Saturday, November 22, 2014

वर्षगांठ पर शुभकामनायें एवं शुभाशीष

पवित्र बंधन की पावन वर्षगांठ पर Smrity Relan Sudan एवं Siddharth Sudan. को सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें एवं शुभाशीष। असीम सुख शांति का वास, स्वस्थ तथा मधुर प्रेम का निर्बाध प्रवाह आपके जीवन में सदा बना रहे। परम पिता की अनन्त कृपा के प्रसाद से आपकी झोली भरी रहे। 
घर 4 दीवारी से नहीं 4 जनों से बनता है, परिवार उनके प्रेम और तालमेल से बनता है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक

Saturday, November 8, 2014

स्वतंत्रता उद्घोष -विकृत परिभाषा

स्वतंत्रता उद्घोष -विकृत परिभाषा 
Photo: मैं आजादी चाहती हूं कि किसे और कहां पर चूम लूं। इससे किसी को मतलब नहीं होना चाहिए । चुंबन विरोध का सबसे अच्छा तरीका है, इसलिए हम नैतिकता का पाठ पढ़ाने वालों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं । हम उनके साथ कोई टकराव नहीं चाहते इसलिए हम प्यार का संदेश फैलाने की कोशिश कर रहे हैं---:: सायंतनी (पीएचडी की छात्रा)
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मित्रो सुरुआत कुछ कटु सब्दो के साथ करता हु ''सायंतनी जैसे यदि रेप की शिकायत करे तो भी क्या करना है, आखिर शरीर भी तो ''किस'' लिये बनाया गया है, जो मर्जी है वह सबको करने दो । माता पिता कें सामने खुले आम सडको मे भी जैसे कुत्ते करते है क्योकि ''संघ'' का विरोध जो करना है"
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मित्रो किसी हिन्दी फिल्म का यह गाना "किस किस को दूं" पहले तो समझ ही नहीं आया कि गीतकार कहना क्या चाहता है । फिर एक दिन अचानक पुराना दोहा पढ़ा- "कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय" पढ़ा तो बात कुछ समझ में आई जैसे यहां एक "कनक" का अर्थ सोना और दूसरे का मतलब धतूरा है वैसे ही इस गाने में पहले "किस" का अर्थ चुम्बन और दूसरे का मतलब अजनबी है ।

अब आप कहेंगे कि ''क्या बाघेल साहब आप सठिया गए हैं जो बुढ़ापे में प्रवेश करते ही ऎसी-वैसी बातें कर रहे हैं'' दरअसल मुद्दा कुछ नौजवानों और नौजवानियों ने उठाया है । एक शहर में "मॉरल पुलिसिंग" के जवाब में इन लोगों ने "किस फेस्टिवल" मनाने का निर्णय किया । 

अरे होनहारो स्त्री-पुरूष् को भगवान ने बनाया है और दोनों ने मिलकर संसार रचा है पर यह सर्जन खुले में करने की क्या जरूरत है ? अगर बेशर्मी का मतलब ही आजादी है तो काहे को वस्त्र धारण कर घूमते हो । मवेशियों की तरह प्राकृतिक रूप में रहो । खूब "किस" करो और किस किस के साथ करना है इसका हिसाब भी रखो लेकिन पेड़ की टुगली पर बैठ कर ओछी हरकतें करोगे तो मेरे जैसा कोई न कोई तो टोकेगा ही ।

अल्प वस्त्रों में विचरण करने वाली स्मार्ट पीढ़ी खुद का नहीं तो अपने जन्मदाताओं की इज्जत का तो कुछ ख्याल रखे । हो सकता है हमारी बातें उनको नागवार गुजरें। गुजरें अपनी बला से। अब ये न कहना कि हम बच्चे से सीधे बूढ़े हो गए। जवानी हम पर भी चढ़ी थी लेकिन जवानी का ढोल कभी नहीं कूटा । 

अब साहब हम कोई नामी राजनीतिज्ञ तो हैं नहीं जो ऎसी दिलचस्प खबरों को नजरअंदाज करें । हम तो लोकतंत्र/ समाजतन्त्र के साधारण प्रहरी हैं । फोकटी चंद है ,फुरसतीलाल है, हम तो अपना समय पास करेंगे साथ ही आपको भी लगाकर रखेंगे । तो हमारे बच्चो जितना मर्ज़ी आये उतना किस करो लेकिन इतना जरूर चाहते हैं समाज में कुछ तो पर्दादारी बानी रहे रहे । नहीं तो हम ठहरे संघी हमारी लठ्ठ तो तैयार ही रहती है, हमारे संस्कृत पर हमला करने वालो पर ॥  1)यदि पूजा पाठ व्यक्तिगत मामला है, घर पर करें और चौराहे बीच पशुवत प्रेम प्रदर्शन की स्वतंत्रता नैतिकता का पाठ पढ़ाने वालों के विरुद्ध प्रदर्शन करना है। तब ऐसी अविवेकी सोच के व्यक्ति /व्यक्तियों का तो मस्तिष्क परिक्षण आवश्यक हो जाता है। धर्म /समाज का मामला सामूहिक क्रिया हो सकता है, किन्तु इन लफंगों का यह कृत्य सामूहिक अर्थात कोई पशुओं की भांति कभी, कहीं, किसी के साथ, कुछ भी करे, असामाजिक ही कहा जायेगा। 
  2)यदि इन लफंगों के कुतर्क को माना जाये कि मनमानी की स्वतंत्रता में बढ़ा नैतिकता का पाठ पढ़ाने वालों के विरुद्ध ये हठधर्मी प्रदर्शन उचित है, तब इसी तर्क से ये भी कहा जा सकता है कि धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाने वालों के विरुद्ध भी मैं आजादी चाहता हूं।  तब धर्मनिरपेक्षता के आधुनिक शर्मनिरपेक्ष ठेकेदार उसे सांप्रदायिक बतलाते हैं ? 
  3)सायंतनी (छात्रा की शोध) अविवेक पूर्ण बात कर रही है कि किसे और कहां पर चूम लूं। इससे किसी को मतलब नहीं होना चाहिए। यहाँ व्यक्तिगत होने को बाध्य करती है कि इसकी शोध का स्तर क्या रहेगा ? मैं हत्या करूँ या आत्महत्या  इससे किसी को मतलब नहीं होना चाहिए। पुलिस बंदी बनाये, तो गुंडा पुलिस कहलाये, और हम स्वतंत्रता के रक्षक बन नियम तोड़ने आये है। 
   4)प्रदर्शनी बिकाऊ माल की, सजा चमका कर, प्रस्तुति के लिए होती है। फूहड़ प्रदर्शन स्वतंत्रता का नहीं छिछोरेपन का प्रतीक है। अत्यधिक उत्तेजक प्रदर्शन करके हम तो चले गए, किन्तु उत्तेजक का शिकार कोई अन्य बन गया। तब समाज को मोमबत्ती दिखाने वाले, स्वयं अंधकार से बाहर आना नहीं चाहते। कुतर्क- 'जिनके साथ ऐसा हुआ, वे अंग प्रदर्शन नहीं 
कर रही थी।  आरोप- पुरुषों की मानसिकता ही खराब है। 
   युवा मित्रो, सात्विक जीवन में मेरे शरीर का नाप, भार तथा चाल तो 16 से 60 की आयु में बदले नहीं, किन्तु इतना ही नहीं है, जीवन में आज तक किसी से भय न खाया है, न किसी सच्चे को अनावश्यक धमकाया है। अधिक कहना आत्म स्तुति हो जायेगा। एक शेर जो मैंने 40 -42 वर्ष पूर्व लिखा तथा वीर अर्जुन में प्रकशित हुआ था - 
सत्य की राह में जॉ चल नहीं पाये, जो भय खाए व रुक जाये, 
जिसमे रवानी न हो, वो जवानी भी क्या खाक जवानी होगी। 
जिन्हे जवानी की प्रदर्शनी में रूचि है, वो अंग प्रदर्शन से नहीं, इसके 'निडर प्रवाह' से प्रमाणित करते हैं।
जहाँ संस्कार का संचार ही प्रवाहित न हो, वे अंग प्रदर्शन से अपने जिवंत होने का छद्म प्रमाण देते हैं। 
   मित्रो, हम तो लोकतंत्र/ समाजतन्त्र के साधारण प्रहरी हैं। बाघेल जी के शब्दों में फोकटी चंद है, फुरसतीलाल है, किन्तु समय का सदुपयोग हम अपना तो करेंगे, साथ ही आपको भी इसमें लगाकर रखेंगे। तो हमारे बच्चो, जितना आपका मन चाहे, उतना प्रेम करो किन्तु इतना अवश्य चाहते हैं कि मानव सामाजिक जीव है, पशु नहीं। पशुवत आचरण न करें। पशु या मानव समाज में कुछ अंतर है, तो पर्दादारी बनी रहे। नहीं तो हम ठहरे संघी, हमारी लठ्ठ तो तैयार ही रहती है, हमारे संस्कृति पर प्रहार करने वालो पर॥
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
घर 4 दीवारी से नहीं 4 जनों से बनता है, परिवार उनके प्रेम
और तालमेल से बनता है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक

Wednesday, November 5, 2014

प्रकाशपर्व की बधाइयाँ

प्रकाशपर्व की बधाइयाँ

गुरुनानक जयंती पर विशेष 
जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल 
132235549अखिल विश्व में बसे गुरुसिख, उनके दिल बसे नानक देव। सभी को प्रकाशपर्व की कोटि कोटि बधाइयाँ, शुभकामनाये, -तिलक समस्त युगदर्पण मीडिया परिवार YDMS
गुरपूरब के पवित्र दिन का महत्व - इसे प्रकाश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस पवित्र दिन केशधारी व सेहजधारी गुरु ग्रन्थ साहब की वाणी का अमृत, तथा कीर्तन अरदास करते हैं। इसके पूर्व प्रभात फेरियाँ निकली जाती हैं। गुरुद्वारों में अखंड लंगर तो 
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यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
घर 4 दीवारी से नहीं 4 जनों से बनता है,
परिवार उनके प्रेम और तालमेल से बनता है |
आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक

Monday, October 20, 2014

प्रीतम मुंडे सर्वाधिक लोकप्रिय सांसद

प्रीतम मुंडे बनी सर्वाधिक लोकप्रिय सांसद


प्रीतम मुंडेबीड युदस: स्व. गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे देश की सर्वाधिक लोकप्रिय सांसद बन गई हैं। कारण चाहे कुछ भी रहा हो, आकड़े कहते हैं कि उन्होंने महाराष्ट्र के बीड लोकसभा उप चुनाव में 6.96 लाख मतो के अंतर से विजय अर्जित की है। इस प्रकार प्रीतम मुंडे ने इस लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा बनाये गये कीर्तिमान तथा उससे पूर्व पश्चिम बंगाल में माकपा के अनिल बसु के कीर्तिमान को तोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी मुख्य चुनाव में गुजरात के बड़ोदरा सीट से 5.70 लाख मतो के अंतर से जीते थे।वर्तमान लोस चुनाव में नरेन्द्र मोदी ने सबसे अधिक मतों के अंतर से विजय अर्जित की थी। अब प्रीतम मुंडे वर्तमान सहित, लोकसभा में सर्वाधिक मतों के अंतर से जीतने वाली सांसद बन गई हैं। 
2004 के लोकसभा चुनाव में माकपा के अनिल बसु ने आरामबाग लोकसभा सीट से 5.92 लाख मतों के अंतर से विजय अर्जित की थी, जो देश का अब तक का सबसे अधिक मतों के अंतर से जीतने का कीर्तिमान रहा है। भाजपा के दिवंगत मंत्री स्व. गोपीनाथ मुंडे की बेटी ने, अब तक के सभी कीर्तिमान  ध्वस्त कर दिये हैं। उल्लेखनीय है कि बीड लोकसभा सीट गोपीनाथ मुंडे के निधन के कारण खाली हुई थी। 
घर 4 दीवारी से नहीं 4 जनों से बनता है, परिवार उनके प्रेम
और तालमेल से बनता है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक